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राजा रावल रतन सिंह का इतिहास व कहानी Raja Rawal Ratan Singh History in Hindi

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8 Min Read
राजा रावल रतन सिंह का इतिहास व कहानी Raja Rawal Ratan Singh History in Hindi
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राजा रावल रतन सिंह का इतिहास व कहानी Raja Rawal Ratan Singh History in Hindi

Contents
राजा रावल रतन सिंह का इतिहास व कहानी Raja Rawal Ratan Singh History in Hindiरतन सिंह का इतिहास Life History of Rawal Ratan Singh in Hindiजन्मपद्मावती से विवाहराजा रतन सिंह की मृत्युफिल्म – पद्मावत (2017)

आप सभी ने चित्तौडगढ़ के पराक्रमी और साहसी राजा रावल रतन सिंह के बारे में तो सुना ही होगा और उनकी पत्नी महारानी पद्मावती जोकि बहुत ही स्वाभिमानी और साहसी थी। हम आज आप सभी के लिए राजा रतन सिंह के जीवन के बारे में बताने जा रहे है।

राजा रावल रतन सिंह का इतिहास व कहानी Raja Rawal Ratan Singh History in Hindi

पढ़ें- रानी पद्मावती की कहानी

रतन सिंह का इतिहास Life History of Rawal Ratan Singh in Hindi

राजा रतन सिंह जी गुहिल वंश के वंशज थे। ये चित्रकूट के राजा थे जोकि आज चित्तौडगढ़ के नाम से जाना जाता है। इनके पिता समर सिंह की मृत्यु के बाद इनको राजा बना दिया गया था। एक साल के भीतर ही खिलजी से युद्ध में राजा रतन सिंह को वीरगति प्राप्त हुई।

जन्म

महाराजा रतन सिंह का जन्म 13वीं सदी के मध्य (मालिक मोहम्मद जायसी के वर लिखी किताब में) हुआ था। इनकी जन्म तारीख इतिहास में कही भी उपलब्ध नही है। इनका जन्म रावल वंश के राजपूतो के घर हुआ था।

इनके पिता चित्रकूट (चित्तौडगढ़) के राजा थे उनका नाम समर सिंह था। धीरे धीरे समय बिता और महाराजा रावल रतन सिंह बड़े हुए। सन 1302 ई में इनके पिता समर सिंह की मृत्यु के बाद रतन सिंह को राजा बनाया गया, और इन्होने चित्तोड़ की राज गद्दी संभाली।

पद्मावती से विवाह

रानी पद्मावती के विवाह के बारे कई सारे मत है कुछ लोगो का मानना है कि पद्मावती के पिता ने इनके विवाह ले लिए एक स्वयंवर किया था। इस स्वयंवर में कई सारे हिन्दू राजाओ ने हिस्सा लिया और राजा रतन सिंह ने भी इस स्वयंवर में हिस्सा लेने का फैसला लिया जबकि पहले से ही इनके 13 रानियाँ थी।

महाराजा रतन सिंह ने वह महाराजा मलखान सिंह को हरा कर रानी पद्मावती के साथ फेरे लिए और वापस चित्तौड़ गढ़ चले आये। रानी पद्मावती के साथ विवाह के बाद इन्होने फिर दोबारा शादी नही की।

कुछ लोगो का मानना यह भी कि एक तोते ने रानी पद्मावती की सुन्दरता के बारे में राजा रतन सिंह को बताया था जिसके कारण इन्होने उनसे विवाह करने का निर्णय कर लिया और अपने 16 हजार सैनिको के साथ इन्होने सिंहल साम्राज्य पर हमला कर दिया, लेकिन वहां इनको पराजय का सामना करना पड़ा और इनको बंदी बना लिया गया और इनको फंसी भी देने वाले थे।

लेकिन तभी उस साम्राज्य के गायक ने बताया कि ये चित्तौड़ के राजा रतन सिंह है। ये सुनने के बाद गधर्व ने अपनी बेटी पद्मावती का इनके साथ विवाह कर दिया और इनके साथ साथ 16 हजार सैनिको का भी विवाह हो गया।

राजा रतन सिंह की मृत्यु

महाराजा रतन सिंह को वीरगति अलाउदीन खिलजी के द्वारा मिली ऐसा मलिक मोहम्मद जायसी ने अपनी किताब पद्मावती में लिखा है। इस किताब के अनुसार राजा रतन सिंह का राज्य दरबारियों में राघव चेतन नाम का एक संगीतज्ञ था।

राजा रतन सिंह के शादी के बाद राघव चेतन रानी पद्मावती के सुन्दरता का दीवाना हो गया था और वो छुप छुप कर पद्मावती को देखा करता था। एक दिन रानी पद्मावती को लगा उनको कोई देख रहा है तो उन्होंने अँधेरे में ही चाकू फेक कर मर दिया और चाकू उठाने पर देखा उसमे खून लगा हुआ था।

तब रतन सिंह के कहने पर सैनिको के ढूढने पर राघव चेतन को सामने पाया गया और उसको देश से निकाल दिया गया। राघव चेतन की मुलाकात अलाउदीन खिलजी से हुआ उसने रानी पद्मावती की सुन्दरता की कहानी खिलजी को सुनाई।

खिलजी पद्मावती को हासिल करने के लिए उसने तुरंत मेवाड़ पर हमला कर दिया। कुछ समय तक मेवाड़ के सीम पर रहने के बाद अलाउदीन खिलजी ने राजा रतन सिंह से एक सौदा किया उसने कहा मैं अपनी सेना के साथ वापस चला जाऊंगा बस केवल एक बार मैं रानी पद्मावती को देखना चाहता हूँ।

रतन सिंह ने उसका ये सौदा मंजूर कर लिया। पद्मावती ना चाहते हुए भी खिलजी को अपना चहरा पानी में बने द्रश्य में दिखाया। पद्मवती को देखने के बाद खिलजी और भी पागल हो गया और उसने रतन सिंह को वहीँ से अगवा कर लिया और दिल्ली लेकर चला गया।

रानी पद्मावती ने रतन सिंह को छुड़ाने के लिए खिलजी से सौदा किया और की मैं उसके पास आ जाउंगी लेकिन मेरे साथ मेरी दासियाँ भी आएँगी, खिलजी ने शर्त मान लिया। रानी पद्मावती ने दासियों की जगह सैनिको को ले गई और राजा रतन सिंह को वहां से छुड़ा लायी।

वहां से आते वक़्त रतन  सिंह ने खिलजी के साथ युद्ध की घोषणा कर दिया। युद्ध में खिलजी ने राजा रतन सिंह को धोखे से मार दिया।

राजा रतन सिंह को मरने के बाद खिलजी रानी पद्मावती को पाने के लिए महल की तरफ भगा। जैसे ही रानी पद्मावती को ये सन्देश मिला राजा रतन सिंह की मृत्यु हो गई रानी पद्मावती ने अपने साथ 16 हजार औरतो के साथ मेवाड़ के महल में ही सभी ने जौहर किया।

अलाउद्दीन खिलजी से लड़ते हुए चित्तौड़ के सभी लोगो की मृत्यु हो गई और रानी पद्मवती और चित्तौड़ की अन्य स्त्रियों ने अपने सम्मान के लिए जौहर कर लिया। अलाउदीन को केवल चित्तौड़ का महल ही मिला और कुछ भी नही।

चित्तौड़ पर विजय के बाद खिलजी ने अपने पुत्र को चित्तौड़ का शासक बबन दिया जो उस समय केवल सात साल का था और खुद दिल्ली के लिए रवाना हो गया। खिलजी का बेटा छोटा था इसलिए कार्यभार सँभालने के लिए मालिक शाहीन नाम के एक गुलाम को दिया गया। लेकिन बाद में मेवाड़ के हिन्दू राजाओं ने चित्तौड़ पर हमला करके उसको हासिल कर लिया।

फिल्म – पद्मावत (2017)

संजय लीला भंसाली के द्वारा वर्ष 2017 में “पद्मावती”  शीर्षक वाली एक फिल्म बनाई गई, लेकिन बाद में, विवादों  के कारण से फिल्म का नाम  “पद्मावती” से बदलकर “पद्मावत” रख दिया गया। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में दीपिका पादुकोण (पद्मवती), शाहिद कपूर( राणा रतन सिंह) और रणवीर सिंह ( सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी) की भूमिका निभाई।

Featured Image Source – sillyconfusion.com

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