अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास History of Alauddin Khilji in Hindi
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अल्लाउदीन खिलजी का जन्म 1250, बंगाल, बीरभूम जिला, बांग्लादेश में हुआ था और मृत्यु जनवरी 1316, दिल्ली में हुआ था। वह खिलजी साम्राज्य के दुसरे सबसे शक्तिशाली शासक के नाम से जाना जाता है।
अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास History of Alauddin Khilji in Hindi
भारत में खिलजी वंश के दूसरे शासक अलाउद्दीन खिलजी थे। जो जलाल-उद-दीन खिलजी के दामाद और भतीजे थे| जलाल-उद-दीन खिलजी के शासनकाल के दौरान, अलाउद्दीन खिलजी को अवध और काड़ा के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि, वे खिलजी वंश के शासक बनकर अपने शासन की स्थिति को और अधिक मजबूत बनाना चाहते थे।
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जलालुद्दीन ख़िलजी की मृत्यु Death of Jalaluddin Firuz Khilji
अपनी महत्वाकांक्षी प्रकृति के कारण, उन्होंने जलाल-उद-दीन खिलजी को मार डाला और दिल्ली जाकर राजा के रूप में खुद शासन करने लगे। उनके जीवन का इतिहास अलाउद्दीन खिलजी की जीवनी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
अलाउद्दीन खिलजी अपने युद्ध की रणनीति के लिए जाने जाते है जब मंगोलों ने दिल्ली पर हमला किया था। तब भारत में मंगोलों द्वारा निरंतर हमले, अलाउद्दीन खिलजी के अधीन सरकार के लिए बहुत व्याकुलता और परेशानी का कारण था।
अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में मंगोलों ने करीब एक दर्जन बार हमला किया और हर बार अलाउद्दीन की सेना में एकता ना होने के कारण उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, 1299 में, मंगोल दिल्ली को लूटने नहीं बल्कि वहां खुद को स्थापित करने के लिए आये पर इस बार, अलाउद्दीन एक विशाल सेना के साथ गया और मंगोलों को बुरी तरह से हरा दिया।
जब उन्होंने 1307 में फिर से हमला किया, तो अलाउद्दीन ने उन्हें एक कठिन सबक सिखाया| इस अनुभव के बाद मंगोलों इतने डर गए कि कभी उन्होंने भारत में कदम रखने की हिम्मत भी नहीं की। अलाउद्दीन ने तब भारत के दक्षिण की ओर एक अभियान चलाया।
वह पहला मुस्लिम राजा था, जिसने दक्षिण में अपने शासन क्षेत्र का विस्तार किया| तब उन्होंने मलिक काफुर नाम का एक गुलाम बनाया जो कि सेना प्रमुख था। काफुर एक बहादुर सेना प्रमुख साबित हुआ और वह भारत के दक्षिण में कई राज्यों को लूट लाया इसके आलावा वह सोने, चांदी, रत्न आदि धन भी वापस ले आया और इसप्रकार उसने अलाउद्दीन को प्रभावित किया।
मृत्यु Death
इन लड़ाईयों में निरंतर सफलताओं ने मलिक काफुर को बहुत अधिक शक्तिशाली बना दिया। एक बार अलाउद्दीन एक कठपुतली के नृत्य को देखने में खोये हुये थे। अंत में, मलिक काफुर ने अलाउद्दीन खिलजी को ज़हर दे दिया और उसने उनकी हत्या कर दी।