Moral Stories in EnglishMoral Stories in English
  • Home
  • Education
  • Fables
  • Family
  • Inspiration
  • Life
  • Love
  • Motivation
  • Funny
  • Hindi Stories
    • Akbar-Birbal Stories – अकबर-बीरबल की कहानियां
    • Alif Laila Stories – अलिफ लैला की कहानियां
    • Fairy Tales Stories – परी कथाएं
    • Hindi Inspirational Stories – प्रेरणादायक कहानियां
    • Hindi Motivational Stories
    • Hindi Personal Development Stories
    • Hindi Success Stories
    • Interesting Stories – रोचक कहानियां
    • Mahabharata Stories – महाभारत की कहानियां
    • Mulla Nasruddin’s Stories – मुल्ला नसरुद्दीन की कहानियां
    • Mythological Stories – पौराणिक कहानियां
    • Panchatantra Stories in Hindi (पंचतंत्र की कहानियां)
    • Ramayana Stories – रामायण की कहानियां
    • Tenali Rama Stories – तेनाली रामा की कहानियां
    • जातक कथाएं
Reading: घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास व कथा Grishneshwar Jyotirlinga History Story in Hindi
Share
Aa
Aa
Moral Stories in EnglishMoral Stories in English
Search
  • Home
  • Education
  • Fables
  • Family
  • Inspiration
  • Life
  • Love
  • Motivation
  • Funny
  • Hindi Stories
    • Akbar-Birbal Stories – अकबर-बीरबल की कहानियां
    • Alif Laila Stories – अलिफ लैला की कहानियां
    • Fairy Tales Stories – परी कथाएं
    • Hindi Inspirational Stories – प्रेरणादायक कहानियां
    • Hindi Motivational Stories
    • Hindi Personal Development Stories
    • Hindi Success Stories
    • Interesting Stories – रोचक कहानियां
    • Mahabharata Stories – महाभारत की कहानियां
    • Mulla Nasruddin’s Stories – मुल्ला नसरुद्दीन की कहानियां
    • Mythological Stories – पौराणिक कहानियां
    • Panchatantra Stories in Hindi (पंचतंत्र की कहानियां)
    • Ramayana Stories – रामायण की कहानियां
    • Tenali Rama Stories – तेनाली रामा की कहानियां
    • जातक कथाएं
  • Advertise
© 2023 Moral Stories. All Rights Reserved.
Moral Stories in English > Hindi Stories - लघु कथा > Hindi Inspirational Stories - प्रेरणादायक कहानियां > घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास व कथा Grishneshwar Jyotirlinga History Story in Hindi
Hindi Inspirational Stories - प्रेरणादायक कहानियां

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास व कथा Grishneshwar Jyotirlinga History Story in Hindi

Moral Stories
6 Min Read
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास व कथा Grishneshwar Jyotirlinga History Story in Hindi
SHARE

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास व कथा Grishneshwar Jyotirlinga History Story in Hindi

Contents
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास व कथा Grishneshwar Jyotirlinga History Story in Hindiकहानी

शिवपुराण के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में से अंतिम ज्योतिर्लिंग घृष्णेश्वर है। यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद के पास दौलताबाद से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वेरुलगाँव के पास स्थित है। इसे घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा निर्मित एलोरा की गुफाएं भी मंदिर से 500 मीटर की दूरी पर ही हैं।

14 वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत ने इस मंदिर पर हमला भी किया था, तब 16 वीं शताब्दी में शिव जी के भक्त मालोजी राव भोसले (छत्रपति शिवाजी महाराज के दादा जी ) को खजाना मिला था, उस खजाने से उन्होंने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया और इसके बाद 18 वीं शताब्दी में इस मंदिर का जीर्णोंद्धार महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने  भी करवाया था।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास व कथा Grishneshwar Jyotirlinga History Story in Hindi

यह ज्योतिर्लिंग सबसे छोटा है। भगवान के दर्शन करने हेतु गर्भ गृह में प्रवेश के लिए कई नियम है। उसी के अनुसार भक्तगण वहां दर्शन के लिए प्रवेश कर सकते हैं। भगवान शिव जी का पिण्ड पूर्व दिशा की तरफ है। मंदिर का निर्माण 24 खम्बों के द्वारा हुआ है। इन खम्बों पर बहुत ही सुन्दर कलाकारी है। यह मंदिर शिल्पकला के लिए भी प्रसिद्द है।

मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं का चित्र बना हुआ है। कहीं – कहीं तो इस मंदिर को कुंकुमेश्वर नाम से भी जाना जाता है। 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा का समापन इस अंतिम ज्योतिर्लिंग से होता है। इस मंदिर के तीन द्वार हैं।

मुख्य मंदिर से पहले कोकिला मंदिर है, भक्तगण पहले इस मंदिर में रुकते हैं। दूर – दूर से भक्तगण इस पावन तीर्थ पर आते हैं और अभिषेक करते हैं। इस मंदिर के आस – पास कई अन्य मंदिर भी हैं।

कहानी

इस शिवलिंग से जुड़ी कथा इस प्रकार है – दक्षिण दिशा में देवगिरि पर्वत के पास सुधर्मा नामक ब्राह्मण अपनी पत्नी सुदेहा के साथ निवास करता था। वह बहुत ही बड़ा शिव भक्त था और प्रतिदिन शिव भगवान की विधि-विधान से पूजा किया करता था। वे दोनों ख़ुशी से अपना जीवन – यापन कर रहे थे लेकिन एक बात का दुःख था कि उनकी कोई संतान नहीं थी।

क्योंकि पड़ोसी उन पर व्यंग करते थे। एक बार सुदेहा दुःख से व्याकुल हो उठी और सुधर्मा से बोली कि इस पृथ्वी का नियम है कि वंश आगे संतान से ही चलता है, लेकिन हमारी कोई भी संतान नहीं है। अपने वंश को नष्ट होने से बचाइए।

मेरे अनुसार इसका एक ही उपाय है कि आप मेरी बहन घुश्मा से विवाह कर लें। ऐसा सुनकर सुधर्मा ने कहा कि इस विवाह से सबसे ज्यादा दुःख तुम्हे ही होगा। लेकिन अपनी ज़िद्द से सुदेहा ने अपनी बहन का विवाह अपने पति सुधर्मा से करा दिया।

अपनी बड़ी बहन सुदेहा के कहे अनुसार घुश्मा प्रतिदिन 101 पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधि – विधान से पूजा किया करती थी और उन शिवलिंगों का विसर्जन तालाब में किया करती थीं। तब शिव जी की कृपा से घुश्मा को एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।

घुश्मा का सम्मान बढ़ता गया और सुदेहा के मन में अपनी छोटी बहन घुश्मा के लिए ईर्ष्या उत्पन्न होने लगी। वह पुत्र बड़ा हुआ और उसके विवाह की बारी आ गयी। उसका विवाह बड़ी धूम – धाम के साथ सपन्न हुआ।

पुत्र बहु आने से सुदेहा की ईष्या और भी बड़ गयी और इस कारण से सुदेहा ने उस सोते हुए पुत्र की चाकू से हत्या कर दी और उसके अंगों को काटकर उसी तालाब में डाल दिया जहाँ घुश्मा पार्थिव लिंग का विसर्जन किया करती थी।

अगली सुबह घुश्मा और सुधर्मा पूजा में लीन थे, उनकी बहु ने जब देखा कि कमरे में सब जगह रक्त है तो वह घबरा कर चिल्लाई और रोने लगी। इस बात की खबर उसने घुश्मा और सुधर्मा को बताई। लेकिन वे दोनों पूजा में लीन थे।

तब वहां उपस्थित सुदेहा दिखावे के कारण से जोर – जोर से रोने लगी। पूजा पूर्ण होने पर घुश्मा शिवलिंग का विसर्जन करने उसी तालाब के पास गयी। तब उसने देखा कि उसका पुत्र वहां खड़ा हुआ है, वह प्रसन्न हुई और भगवान की लीला को पहचान गयी।

तब वहां एक ज्योति प्रकट हुई और उस ज्योति के रूप में साक्षात शिव भगवान प्रकट हुए और उन्होंने सुदेहा का अपराध बताया। शिव भगवान सुदेहा को मृत्यु दंड देने के लिए जाने लगे तब घुश्मा ने अपनी बहन को क्षमा करने के लिए भगवान से अनुरोध किया। तब शिव भगवान जी अति प्रसन्न हुए और वर मांगने के लिए कहा।

तब घुश्मा ने प्रसन्न मन से कहा कि हे प्रभु ! अगर आप सच में मेरी भक्ति से प्रसन्न हुए हैं तो अपने भक्तों का कल्याण करने के लिए सदा के लिए यहीं विराजमान हो जाईए और उस लिंग की प्रसिद्धि मेरे नाम घुश्मेश्वर से ही सब जगह फैले। तब वहां शिव जी घुश्मेश्वर नाम से सदा के लिए स्थापित हो गए।

यह धार्मिक स्थल वास्तव में एक ऐसा स्थान है जहाँ भक्तगण अपने संकटों को दूर करने के लिए आते हैं। इस स्थान पर जाने के बाद ऐसा लगता है मानो कि शिव भगवान के साक्षात दर्शन हो गए हों।

You Might Also Like

स्वामी विवेकानंद की प्रेरक कहानी – अपनी भाषा पर गर्व

स्वामी विवेकानंद की प्रेरक कहानी – लक्ष्य पर ध्यान

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी – ज्ञान से हुई मोक्ष की प्राप्ति

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी – बुद्ध, आम और बच्चे की कहानी

Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Previous Article इंदिरा गाँधी का बायोग्राफी - जीवन परिचय Indira Gandhi Biography in Hindi इंदिरा गाँधी बायोग्राफी Indira Gandhi Biography in Hindi
Next Article आचार्य बालकृष्ण का जीवन परिचय Acharya Balkrishna Biography in Hindi आचार्य बालकृष्ण का जीवन परिचय Acharya Balkrishna Biography in Hindi

Latest News

The Other Side Of The Wall
Motivation November 14, 2022
Practice Makes Perfect – Don’t Quit!
Motivation November 14, 2022
Laziness won’t get you anywhere
Motivation November 14, 2022
Don’t say something you regret out of anger
Motivation November 14, 2022

You Might also Like

Hindi Inspirational Stories - प्रेरणादायक कहानियां

स्वामी विवेकानंद की प्रेरक कहानी – अपनी भाषा पर गर्व

Moral Stories
Hindi Inspirational Stories - प्रेरणादायक कहानियां

स्वामी विवेकानंद की प्रेरक कहानी – लक्ष्य पर ध्यान

Moral Stories
Hindi Inspirational Stories - प्रेरणादायक कहानियां

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी – ज्ञान से हुई मोक्ष की प्राप्ति

Moral Stories
Hindi Inspirational Stories - प्रेरणादायक कहानियां

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी – बुद्ध, आम और बच्चे की कहानी

Moral Stories
Moral Stories a collection of best educational, inspirational, motivational stories and fables for everyone of any age in English and Hindi. “Learning What Matters” – Is what we at moralstories.net focus on.
  • Fables
  • Education
  • Family
  • Inspiration
  • Life
  • Love
  • Motivation
  • Famous Personalities
  • Funny
  • Hindi Stories – लघु कथा
  • Akbar-Birbal Stories – अकबर-बीरबल की कहानियां
  • Fairy Tales Stories – परी कथाएं

© 2023 Moral Stories. All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?