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रॅपन्ज़ेल की कहानी Disney princess Rapunzel story Parts in Hindi

Moral Stories
13 Min Read
रॅपन्ज़ेल की कहानी Disney princess Rapunzel story Parts in Hindi
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आज इस लेख में आप पढेंगे (रॅपन्ज़ेल की कहानी) Disney princess Rapunzel की story के कई Parts in Hindi.

Contents
रॅपन्ज़ेल और जादूगरनी की कहानी The story of Rapunzel in various Parts रॅपन्ज़ेल के पत्तेबूढ़ी जादूगरनी और जॉन के बिच सौदासुन्दर बच्ची का जन्मबुरी जादूगरनी ने बच्ची को चुराया और रॅपन्ज़ेल नाम दियारॅपन्ज़ेल को मीनार में कैदराजकुमार और रॅपन्ज़ेल की मुलाकातराजकुमार आर रॅपन्ज़ेल के बिच प्यारराजकुमार को दुष्ट जादूगरनी ने देखाअंधे राजकुमार और रॅपन्ज़ेल का मिलनराजकुमार का महल में लौटनारॅपन्ज़ेल की कहानी (निष्कर्ष)

दोस्तों, वैसे तो हमने बचपन में बहुत सी कहानियाँ सुनी होंगी, और पढ़ी भी होंगी, जब हम कहानियाँ पढ़ते है, तो उनको सच मानकर कई बार हम उनसे प्रेरित होते है और कई बार हमे उनसे जीवन में एक सीख भी सीखने को मिलती है। हम ने पहले परियों की कहानी या जादूगरनी की कहानियाँ ज़रुर सुनी होंगी।

आज मैं आपके लिए रॅपन्ज़ेल की कहानी लेकर आया हूँ, जिसके बारे में हो सकता है, आपने पहले भी सुन रखा हो, और हो सकता है यह कहानी आपके लिए नयी हो, इस कहानी में हम जानेंगे की रॅपन्ज़ेल कैसे एक जादूगरनी से मुक्त होकर अपने माता पिता एवं अपने राजकुमार से मिली, तो दोस्तों शुरु करते है-  

रॅपन्ज़ेल और जादूगरनी की कहानी The story of Rapunzel in various Parts

रॅपन्ज़ेल के पत्ते

बहुत समय पहले की बात है। किसी एक गाँव में जॉन और नैल नाम के पति-पत्नी रहा करते थे। दोनों का एक दूसरे के अलावा कोई और ना था, दोनों अपने जीवन में बहुत ख़ुश थे, लेकिन उसको कोई संतान नही थी जिसके कारण यह कमी उन्हें बहुत ही खलती थी।

इस दुःख के कारण पत्नी हमेशा परेशान रहती थी, उसका पति उसे हमेशा सांत्वना देता था की ईश्वर उसकी ज़रुर सुनेंगे और उसे संतान सुख ज़रुर देंगे। उनके घर के सामने एक बहुत ही सुन्दर बगीचा था, उस बगीचे में एक दुष्ट जादूगरनी रहती थी, जिसका नाम डेम गोथेल था। पत्नी हमेशा अपने घर की खिड़की से उस बगीचे में खिले सुंदर फूलों को देखा करती थी।

समय बीतता गया, एक दिन नैल को पता चला कि वह गर्भवती है, उसने यह खुशख़बरी अपने पति जॉन को बताई, दोनों बहुत ख़ुश हुए और ईश्वर को धन्यवाद देने लगे। अब जॉन अपनी पत्नी का ज्यादा ख्याल रखने लगा था, अब वह उसकी हर इच्छा पूरी करता था।

एक बार नैल अपने घर की खिड़की से जादूगरनी के बगीचे को देख रही थी, की तभी उसे बगीचे में रॅपन्ज़ेल (Rapunzel) के पत्ते दिखाई दिए, वो पत्ते हरे और ताज़ा थे, जिसे देख नैल को उसे खाने की इच्छा हुई। ऐसा कहा जाता था कि जो गर्भवती स्त्री रॅपन्ज़ेल के पत्ते खाती है, उसका स्वस्थ और सुंदर बच्चा पैदा होता है।

नैल ने रॅपन्ज़ेल के पत्ते खाने की अपनी इच्छा अपने पति जॉन से जाहिर की और पत्ते तोड़कर लाने को कहा। जादूगरनी के डर से पहले तो उसके पति जॉन ने मना किया परन्तु वह अपनी पत्नी की बात को टाल नही पाया, और वह उन पत्तों को लेने के उद्देश्य से उस बगीचे में घुस गया।

बूढ़ी जादूगरनी और जॉन के बिच सौदा

लेकिन जैसे ही उसने रॅपन्ज़ेल (Rapunzel) के पत्ते तोड़े, अचानक से बूढ़ी जादूगरनी डेम गोथेल उसके सामने आ गई। वह बहुत ही गुस्से में थी, जॉन उससे डर गया और उसके सामने गिड़गिड़ाने लगा, उसने उसको बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है और रॅपन्ज़ेल के पत्ते खाना चाहती है, इसलिए वह इस बगीचे में आया है।

डेम गोथेल ने उसे रॅपन्ज़ेल के पत्ते एक शर्त पर ले जाने दिए। शर्त के अनुसार जब उसकी पत्नी बच्चे को जन्म देगी, उस दिन वह उसे बच्चे को ले जायेगी, डर के कारण जॉन ने उसकी शर्त स्वीकार कर ली और रॅपन्ज़ेल के पत्ते लेकर घर आ गया। वह अब रोज़ डेम गोथेल जादूगरनी के बगीचे से रॅपन्ज़ेल के पत्ते लेकर अपनी पत्नी नैल के लिए लाता था। उसकी पत्नी नैल उन पत्तों को बड़े ही चाव से खाती थी।

सुन्दर बच्ची का जन्म

कुछ महीनों के बाद उसकी पत्नी ने एक बहुत ही सुंदर बच्ची को जन्म दिया। पति पत्नी अब दोनों बहुत ही खुश थे, लेकिन जैसे ही जादूगरनी को बच्ची के जन्म के बारे में पता चला, तो अपनी शर्त के अनुसार वह उस बच्ची को लेने उनके घर पहुँच गई। जॉन ने अपना वचन निभाते हुए वह बच्ची उसे सोप दी, नैल रोती रह गई।

बुरी जादूगरनी ने बच्ची को चुराया और रॅपन्ज़ेल नाम दिया

जादूगरनी डेम गोथेल ने उस बच्ची का नाम रॅपन्ज़ेल (Rapunzel) रखा। समय बिताता गया, बड़ी होकर रॅपन्ज़ेल एक बहुत ही सुंदर लड़की बनी, लेकिन उसके 12 वर्ष की उम्र होने पर डेम गोथेल ने उसे एक मीनार पर ले जाकर नज़र बंद कर दिया, वह मीनार बहुत ही ऊँची थी और उस मीनार में न ही दरवाज़ा था, न ही सीढ़ी, उसमे केवल बहुत ऊँचाई पर केवल एक छोटी सी खिड़की थी। 

रॅपन्ज़ेल (Rapunzel) के लंबे और सुनहरे जादुई बाल थे, जब भी उस जादूगरनी को उससे मिलने होता, वो मीनार के नीचे से चिल्लाती थी, “रॅपन्ज़ेल – रॅपन्ज़ेल, अपने बाल छोड़ो” इन शब्दों को सुनने पर, रॅपन्ज़ेल खिड़की की बगल में टंगी एक खूंटी से अपने लंबे, सुनहरे बाल लपेट कर उन्हें जादूगरनी के पास नीचे लटका देती थी, जो उन बालों के सहारे चढ़ कर रॅपन्ज़ेल के पास मीनार के कमरे में पहुंच जाती थी।

रॅपन्ज़ेल को मीनार में कैद

रॅपन्ज़ेल (Rapunzel) मीनार में अकेली ही रहती थी, डेम गोथेल केवल खाना और पानी देने दोपहर में रॅपन्ज़ेल के पास आती थी। उसको अकेले रहते हुए उस मीनार में कई साल हो गये, वह बंद मीनार में रहकर बहुत ही दु:खी थी। वह बाहर की दुनिया देखना चाहती थी। उसने कई बार बूढ़ी जादूगरनी से कहा, लेकिन हर बार डेम गोथेल ने उसे मना कर दिया।

रॅपन्ज़ेल की आवाज़ बहुत ही सुरुली होने के कारण वह अक्सर मीनार की खिड़की पर बैठकर गाना गाया करती थी, और अपनी ही आवाज़ से खुश होती थी। एक दिन वह हमेशा की तरह मीनार की खिड़की पर बैठकर गाना गा रही थी, तभी उस देश का राजकुमार वहाँ से निकला, वह जंगल में शिकार के लिए आया हुआ था।

राजकुमार और रॅपन्ज़ेल की मुलाकात

उसे वह सुरीली आवाज़ बहुत ही अच्छी लगी, उसने उस आवाज़ का पीछा किया, पीछा करते हुए वो उस मीनार की ओर गया, जहाँ रॅपन्ज़ेल गीत गा रही थी। लेकिन उसके पास पहुँचते ही गाने की आवाज़ बंद हो गई और अचानक उसे एक कर्कश आवाज़ सुनाई पड़ी, “रॅपन्ज़ेल! अपने बाल छोड़ो.”

यह आवाज़ उस बूढ़ी जादूगरनी डेम गोथेल की थी। राजकुमार ने देखा उसके ऐसा कहने के तुरंत बाद सुनहरे बाल नीचे आये और डेम गोथेल बाल पकड़कर मीनार के ऊपर चढ़ने लगी। यह सब कुछ देखकर राजकुमार दंग रह गया। राजकुमार यह सभी कुछ एक पेड़ के पीछे छूप कर देख रहा।

डेम गोथेल के जाने के बाद राजकुमार के मन में उस लड़की से मिलने का मन हुआ, क्योंकि उसे उस लड़की के सुनहरे बाल और सुरीली आवाज़ बहुत ही पसंद आई थी। वह मीनार के नीचे पहुँचा और चिल्लाया, “रॅपन्ज़ेल! अपने बाल छोड़ो”

उसके कहते ही सुनहरे बाल नीचे आ गये, राजकुमार उन बालों के सहारे मीनार की खिड़की तक पहुँच गया। राजकुमार को देखकर अचानक से रॅपन्ज़ेल घबरा गई, परन्तु राजकुमार ने उसे अपने बारे में बताया और उससे बहुत ही प्यार से बात की, इस कारण रॅपन्ज़ेल का सारा डर चला गया।

राजकुमार आर रॅपन्ज़ेल के बिच प्यार

राजकुमार के आग्रह करने पर उसने उसे गाना भी सुनाया। उस दिन से राजकुमार और रॅपन्ज़ेल रोज़ मिलने लगे। दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया था। एक दिन राजकुमार ने रॅपन्ज़ेल (Rapunzel) के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा, जिसे रॅपन्ज़ेल ने स्वीकार कर लिया।

अब राजकुमार रॅपन्ज़ेल को अपने साथ ले जाना चाहता था, लेकिन उन दोनों को उस मीनार से बाहर निकलने का रास्ता नही मालूम था, दोनों वहाँ से निकलने का उपाय सोचने लगे। तब रॅपन्ज़ेल ने राजकुमार को सुझाव दिया कि वह उसके लिए रेशम के धागे लेकर आये, जिससे वह यहाँ से नीचे उतरने के लिए सीढ़ी बना लेगी, अब राजकुमार रोज़ रेशम के धागे लाने लगा और रॅपन्ज़ेल उससे सीढ़ियां बुनने लगी।

राजकुमार को दुष्ट जादूगरनी ने देखा

इसी बीच रॅपन्ज़ेल के गर्भवती होने के कारण वह जल्द से जल्द उस मीनार से बाहर निकलना चाहती थी। एक दिन रॅपन्ज़ेल को खाना देकर जाने के बाद बूढ़ी जादूगरनी डेम गोथेल ने राजकुमार को मीनार पर चढ़ते हुए देखा लिया।

वह बहुत ही क्रोधित हुई और क्रोध में उसने रॅपन्ज़ेल के बाल काट दिए और उसे रेगिस्तान में छोड़ दिया। रोज़ाना की तरह शाम को जब राजकुमार रॅपन्ज़ेल से मिलने आया और मीनार के नीचे से चिल्लाया, “रॅपन्ज़ेल! बाल छोडो.”

जादूगरनी डेम गोथेल ने रॅपन्ज़ेल के बाल नीचे लटका दिए, राजकुमार जब उसे पकड़कर मीनार पर पहुँचा, तो बूढ़ी जादूगरनी डेम गोथेल को देखकर चौंक गया, उसके रॅपन्ज़ेल के बारे में उससे पूछा।

डेम गोथेल बोली, “अब वो तुम्हें कभी नहीं मिलेगी।” और ऐसा कहकर उसने राजकुमार को मीनार से धक्का दे दिया। कंटीली झाड़ियों में गिरने के कारण उसकी दोनों आँखें चली गयी और उसे दिखाई देना बंद हो गया। वह इधर-उधर भटकने लगा, ऐसे ही कई साल बीत गए।

अंधे राजकुमार और रॅपन्ज़ेल का मिलन

एक दिन भटकते-भटकते वह उसी रेगिस्तान में पहुँच गया, जहाँ बूढ़ी जादूगरनी ने रॅपन्ज़ेल को छोड़ा था, उसे वहाँ रॅपन्ज़ेल के  गाने आवाज़ सुनाई पड़ी, वह उस आवाज़ को पहचान गया था, वह आवाज़ की दिशा में चिल्लाते हुए दौड़ने लगा, “रॅपन्ज़ेल…. रॅपन्ज़ेल”.

रॅपन्ज़ेल ने भी राजकुमार को देख लिया और पहचान लिया, यहाँ दोनों की मुलाक़ात हुई। राजकुमार की हालत देख कर रॅपन्ज़ेल रोने लगी उसके आँसू जब राजकुमार की आँखों में गिरे, तो राजकुमार की आँखें ठीक हो गई। राजकुमार को पता चला की वो अब पिता बन गया है और उसके एक बेटी और एक बेटा है, राजकुमार से मिलने के बाद उनका परिवार एक हो गया था।

राजकुमार का महल में लौटना

वे दोनों राजकुमार के महल आ गये वहां उसने देखा की राजा अब अपनी बीमारी से पूरी तरह से ठीक हो चुके है, अपने पिता को पूरी तरह से ठीक देख कर राजकुमार को बहुत ही ख़ुशी मिली। तब राजा ने राजकुमार को बताया की किसी व्यक्ति ने उन्हें रॅपन्ज़ेल के पत्ते के बारे में बताया था।

जिसको खा कर वह स्वस्थ हुए है, और यह भी बताया की उसकी नवजात बेटी को कोई जादूगरनी अपने साथ ले गयी थी। राजकुमार और रॅपन्ज़ेल उस आदमी के घर पहुंचे तो रॅपन्ज़ेल की माँ ने अपनी बेटी को पहचान लिया और बहुत ही खुश हुई। अब से सभी लोग बड़े प्यार से रहने लगे। रॅपन्ज़ेल अब अपने राजकुमार की राज कुमारी बन गयी थी। सभी ओर ख़ुशियों का माहौल था।

रॅपन्ज़ेल की कहानी (निष्कर्ष)

दोस्तों यह थी रॅपन्ज़ेल की कहानी इसमें हम ने जाना की कैसे रॅपन्ज़ेल अपने माँ बाप एवं अपने राजकुमार से मिलकर ख़ुशी से रहने लगी।

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