6 दिवाली पर कहानियाँ Diwali Stories in Hindi
क्या आप दीपावली की कथाएं पढना चाहते हैं?
क्या आप दीवाली का इतिहास जानते हैं?
आप सभी को दीपवाली 2018 के हार्दिक शुभकामनाएं ! नमस्कार दोस्तों ! आज हम आपको इस पोस्ट में 6 ऐसी कहानियों या कारण के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके कारण हम दीपावली का पर्व मनाते हैं। हम यह तो जानते ही हैं भारत संस्कृतियों से भरा देश है और यहाँ हर महीने 2-4 त्यौहार तो हम जरूर मनाते ही है।
भारतीय लोगों के अनुसार भारत में कुल 33 करोड़ देवी-देवता हैं और इसी कारन भारत में हमेशा किसी ना किसी त्यौहार का माहोल तो बना ही रहता है। उन्हीं में से एक महान, धूम-धाम से, हर राज्य में मनाया जाने वाला त्यौहार है दिवाली या दीपावली।
इस त्यौहार को हम बुराई पर सच्चाई के विजय की ख़ुशी में मनाते हैं। दीवाली में हर जगह रात्री के समय आपको रोशनी ही रौशनी नज़र आएगी क्योंकि हम उस दिन मानते हैं अंधकार पर प्रकाश नें विजय प्राप्त किया था। इस दिन लोग अपने परिवार के लोगों के साथ घर में पूजा करते हैं और घर में हर जगह दीप जलाते हैं और साथ ही अपने मित्रों को इन्टरनेट पर अपने मेसेज भी भेजते हैं।
पर ऐसे कौन से वे कारण हैं की दीपावली के दिन को हम इतने धूम-धाम से ख़ुशी के साथ मनाते हैं?म इस चीज को जानने के लिए नीचे दिए हुए इन छोटे कहानियों को पढ़ें। हो सकता हैं इनमें से कुछ या सभी कहानियाँ आपने पहले से ही सुनी हो या हो सकता है आपने कोई भी ना सुनी हो।
दिवाली पर 6 कहानियाँ Diwali Stories in Hindi / Deepawali Stories in Hindi
ये 6 कहानियाँ हैं जो दीपावली मनाये जाने का कारण है और इस दिन के सही मूल्य को हमें समझाते हैं।
कहानी 1: श्री राम के वनवास से अयोध्या लौटने की ख़ुशी में The Return of Shri Ram from Vanvaas to Ayodhya
यह वो कहानी और करण है जो लगभग सभी भारतीय को पता है कि हम दिवाली श्री राम जी के वनवास से लौटने की ख़ुशी में मनाते हैं। मंथरा के गलत विचारों से पीड़ित हो कर भरत की माता कैकई श्री राम को उनके पिता दशरथ से वनवास भेजने के लिए वचनवद्ध कर देते हैं।
ऐसे में श्री राम अपने पिता के आदेश को सम्मान मानते हुए माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल पड़ते हैं। वहीँ वन में रावण माता सीता को छल से अपहरण कर लेता है।
तब श्री राम सुग्रीव के वानर सेना और प्रभु हनुमान के साथ मिल कर रावण की सेना को परास्त करते हैं और श्री राम रावण का वध करके सीता माता को छुड़ा लाते हैं। उस दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाता है और जब श्री राम अपने घर अयोध्या लौटते हैं तो पूरे राज्य के लोग उनके आने के ख़ुशी में रात्री के समय दीप जलाते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। तब से उस दिन का नाम दीपावली के नाम से जाना जाता है।
कहानी 2: पांडवों का अपने राज्य में लौटना The Return of The Pandavas
आप ने महाभारत की कहानी तो सुनी ही होगी। कौरवों ने, शकुनी मामा के चाल की मदद से शतरंज के खेल में पांडवों का सब कुछ छीन लिया था और यहाँ तक की उन्हें राज्य छोड़ कर 13 वर्ष के लिए वनवास भी जाना पड़ा।
इसी कार्तिक अमावस्या को वो 5 पांडव (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव) अपने 13 वर्ष के वनवास से अपने राज्य लौटे थे। उनके लौटने के ख़ुशी में उनके राज्य के लोगों नें दीप जला कर खुशियाँ मनाया। यह भी दीपावली मनाने का एक बहुत ही मुख्य कारण है।
कहानी 3: राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक King Vikramaditya Coronation
राजा विक्रमादित्य प्राचीन भारत के एक महान सम्राट थे। वे एक बहुत ही आदर्श राजा थे और उन्हें उनके उदारता, साहस तथा विद्वानों के संरक्षणों के कारण हमेशा जाना है। इसी कार्तिक अमावस्या को उनका राज्याभिषेक हुआ था।
कहानी 4: माता लक्ष्मी का अवतार The Incarnation of Goddess Lakshmi
हर बार दीपावली का त्यौहार हिन्दी कैलंडर के अनुसार कार्तिक महीने के “अमावस्या” के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन समुन्द्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी जी ने सृष्टि में अवतार लिया था। माता लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। इसीलिए हर घर में दीप जलने के साथ-साथ हम माता लक्ष्मी जी की पूजा भी करतें हैं।
कहानी 5: 6वें सिख गुरु की आजादी The Release of 6th Sikh Guru
इस त्यौहार को सिख समुदाय के लोग भी मनाते हैं अपने 6वें गुरु श्री हरगोविंद जी के ग्वालियर जेल से मुक्त होने पर जो मुग़ल सम्राट जहाँगीर की कैद में थे।
कहानी 6: इसी दिन भगवान् श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षश का संहार किया था On this Day Lord Shri Krishna Killed Narakasur
दीपावली का त्यौहार मनाने के पीछे एक और सबसे बड़ी कहानी है की इसी दिन प्रभु श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। नरकासुर उस समय प्रागज्योतिषपुर(जो की आज दक्षिण नेपाल एक प्रान्त है) का राजा था।
नरकासुर इतना क्रूर था की उसने देवमाता अदिति के शानदार बालियों तक को छीन लिया। देवमाता अदिति श्री कृष्ण की पत्नी सत्यभामा की सम्बन्धी थी। नरकासुर ने कुल सोलह भगवान की कन्याओं को बंधित कर के रखा था।
श्री कृष्ण की मदद से, सत्यभामा ने नरकासुर का वध किया और सभी देवी कन्याओं को उसके चंगुल से छुड़ाया। यह भी दीपावली मनाने का एक मुख्य कारण है।
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