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Reading: रानी पद्मिनी – पद्मावती का इतिहास Chittor Rani Padmavati History Hindi
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रानी पद्मिनी – पद्मावती का इतिहास Chittor Rani Padmavati History Hindi

Moral Stories
10 Min Read
रानी पद्मिनी / पद्मावती का इतिहास Chittor Rani Padmavati History Hindi
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रानी पद्मिनी – पद्मावती का इतिहास Chittor Rani Padmavati History Hindi

Contents
रानी पद्मिनी पद्मावती की कहानी Chittor Rani Padmavati Story in Hindiरानी पद्मिनी का प्रारंभिक जीवन Early Life of Rani Padmavati / Padminiरानी पद्मिनी और चित्तोड़ गढ़ की कहनी Story of Rani Padmavati / Padmini Chittorgarhअलाउद्दीन खिलजीअलाउद्दीन खिलजी का चित्तोड़ पर आक्रमण Allauddin Khilji Attack to Chittorरानी पद्मिनी / पद्मावती की मृत्यु कैसे हुई Death of Rani Padmavati / Padmini2017 रानी पद्मावती पर आधारित फिल्म Rani Padmavati Movie Details Hindi2017 रानी पद्मावती फिल्म किरदार Rani Padmavati Movie Cast

रानी पद्मिनी या पद्मावती इतिहास की एक महान रानी के रूप में जनि जाती हैं। रानी पद्मिनी का उल्लेख सन 1540 में ‘मलिक मोहम्मद ज्यासी द्वारा लिखे गए महाकाव्य में पाया गया है। यह कविता रानी पद्मिनी या मद्मावती के घटनाओं के लगभग 240 साल बाद लिखा गया था।

मलिक मोहम्मद ज्यासी के महाकाव्य ‘पद्मावत’ के कुछ पंक्ति जिसमें रानी पद्मिनी के विषय में उन्होंने बताया था –

तन चितउर, मन राजा कीन्हा । हिय सिंघल, बुधि पदमिनि चीन्हा ॥ 
गुरू सुआ जेइ पंथ देखावा । बिनु गुरु जगत को निरगुन पावा ?॥ 
नागमती यह दुनिया-धंधा । बाँचा सोइ न एहि चित बंधा ॥ 
राघव दूत सोई सैतानू । माया अलाउदीन सुलतानू ॥  
प्रेम-कथा एहि भाँति बिचारहु । बूझि लेहु जौ बूझै पारहु ॥

इस कविता के अनुसार रानी पद्मिनी (पद्मावती) चित्तोड़ के राजा राणा रतन सिंह की पत्नी थी और समकालीन सिंहली (श्रीलंका का एक द्वीप) राजा की बेटी थी। रानी पद्मिनी को उनके अपार दिव्य सौन्दर्य के लिए जाना जाता था और आज भी उनके सुन्दर्य के विषय में इतिहास में उल्लेख है।

रानी पद्मिनी जौहर (आत्मदाह) करने के कारण भी जाना जाता है। ऐसा तब उन्होंने किया था जब सन 1303 में अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर हमला कर दिया था।

वैसे तो इतिहास में रानी पद्मावती और उनके पूर्व जीवन के विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है और यहाँ तक की मेवार में भी। परन्तु उनका उल्लेख बार-बार हिंदी साहित्य में उनका रिश्ता गोरा और बादल जो की चौहान थे और जिनका एक किला  चित्तोर में है, उनसे किया गया है।

Featured Image Source – The Flowers of Indus Valley

रानी पद्मिनी पद्मावती की कहानी Chittor Rani Padmavati Story in Hindi

रानी पद्मिनी का प्रारंभिक जीवन Early Life of Rani Padmavati / Padmini

पद्मिनी या पद्मावती का प्रारंभिक जीवन सिंहला (Sinhala) से शुरू हुई। उनके पिता का नाम गंधार्व्सेना और माता का नाम चम्पावती था। बचपन से ही उनका पालन-पोषण उनके घर में उनके माता पिता ने किया।

पद्मिनी के पास एक सुन्दर तोता भी था जिसका नाम था – हीरामणि। पद्मिनी या पद्मवि के पिता राजा गंधार्व्सेना ने उनके विवाह के लिए स्वयंवर रखा था। वहां उन्होंने कई हिन्दू राजाओं और राजपूतों को निमंत्रण दिया था।

चित्तोड़ के राजा रावल रतन सिंह ने कई पत्नियों के होते हुए भी स्वयंवर में जाना सोचा और दुसरे राजा मलखान सिंहको हरा कर स्वयंवर को जीत लिया। वो चित्तोड़ अपनी सुन्दर पत्नी को जीत कर साथ लौटे।

रानी पद्मिनी और चित्तोड़ गढ़ की कहनी Story of Rani Padmavati / Padmini Chittorgarh

सन 12वीं – 13 वीं शताब्दी में राजपूत राजा ‘रावल रतन सिंह’ का राज चित्तोड़ में था। वो सिसोदिया राजवंश के थे और रानी पद्मिनी से विवाह के पूर्व उनकी पहले से ही 13 पत्नियां थी।

वो एक पराक्रमी योधा थे और विवाह के बाद रानी पद्मावती से बहुत प्रेम करने लगे इसलिए उसके बाद उन्होंने कभी भी विवाह नहीं किया। वो बहुत ही अच्छे और साहसी थे और उन्होंने हमेशा अपने राज्य के लोगों से प्यार किया और उनका ख्याल रखा।

उनकी सभा में बहुत सारे बुद्धिमान व्यक्ति और अच्छे कलाकार थे। वे कला का सम्मान करते थे और अच्छे कलाकारों को पुरस्कृत भी करते थे।

उनका एक संगीतकार था जिसका नाम था ‘राघव चेतन’। सभी लोग, प्रजा यह बात तो जानते थे कि वह एक अच्छा संगीतकार था पर कोई भी नहीं जनता था की वह जादू मन्त्र भी जनता था और अपने प्रतिद्वंद्वियों को हारने के लिए जादू और तंत्र विद्या का उपयोग करता था।

पर गलती से वह जादू करते हुए रेंज हांथों पकड़ा गया और इसके कारण राजा रावल रतन सिंह को यह बात बहुत बुरी लगी। उन्होंने उसे गधे पर बैठा कर राज्य सारा घुमाने का आदेश दिया। उसके बाद वह राज्य छोड़ कर चले गया पर उसने बदला लेने का सोचा।

अलाउद्दीन खिलजी

वहां से भागने के बाद राघव चेतन दिल्ली के सुलतान, अलाउद्दीन खिलजी के पास पहुँचा और उसने खिलजी को भड़काया और रानी पद्मिनी के सौन्दर्य का बखान करके चित्तोड़ पर आक्रमण करने का एक कारण बताया।

रानी पद्मिनी को पाने के लालसा में सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी राजा रावल रतन सिंह के राज्य में मेहमान के तौर पर गए। वहां उसने दिव्य सुंदरी रानी पद्मिनी को देखने का निवेदन किया पर रानी ने इसको पूरी तरीके से नकार दिया क्योंकि उनकी संप्रदाय का आधार पर पति को छोड़ कर किसी भी अन्य पुरुष को मुहँ दिखाना नियम के विरुद्ध था।

तब राजा रावल रतन सिंह ने रानी पद्मिनी से निवेदन किया और समझाया की दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के शक्ति और पराक्रम के विषय में बताया और समझाया की उनकी बात को मना करना सही नहीं होगा।

बहुत समझाने के बाद रानी मान तो गयी पर उनकी एक शर्त थी की उनके चहरे को सुल्तान आईने में देखेंगे ना की सीधे और वो भी 100 दासियों और राजा रावल रतन सिंह के सामने। अल्लुद्दीन खिलजी उनकी बात मान जाते हैं।

वो उस दिन किले में अपने कुछ महत्वपूर्ण ताकतवर सैनिकों के साथ जाते हैं। वो जब रानी के चहरे को आईने में देखते हैं तो मदहोश हो जाते हैं और उनके मन में रानी को पाने की छह और बढ़ जाती है।

उसी दिन अपने कुछ ताकतवर सैनिकों के बल पर वो राजा रावल रतन सिंह को अगवा कर लेता है और अपनी एक योजना बनाता है जिसमें वो राजा रावल रतन सिंह के बदले रानी पद्मिनी / पद्मावती को मांगता है।

जनरल गोरा और बादल जो की राजपूत चौहान थे उन्होंने सुल्तान को बचाने के लिए अल्लुद्दीन खिलजी से युद्ध किया था। इस युद्ध में गोरा शहीद हो जाता है पर बादल राजा रावल रतन सिंह को सेना के साथ छुड़ा कर ले आते हैं।

अलाउद्दीन खिलजी का चित्तोड़ पर आक्रमण Allauddin Khilji Attack to Chittor

इस बात को अल्लाउद्दीन सह नहीं पाटा और क्रोधित हो कर वो सेना के साथ चित्तोड़ पर आक्रमण कर देता है। खिलजी की सेना राजा रतन सिंह के राज्य के मुख्य द्वार को तोड़ने की बहुत कोशिश करते हैं पर असफल हो जाते हैं।

अल्लाउद्दीन खिलजी अपनी सेना को आदेश देता है कि पुरे राज्य को घेर लिया जाये। कई दिन तक राज्य को घेर कर रखने के करण कीलें में खाने-पीने की कमी होना लगती है।

अंत में राजा रावल रतन सिंह दरवाज़ा खोल कर खिलजी की सेना से मरते दम तक युद्ध करने का आदेश देते हैं। धीरे-धीरे रजा रतन सिंह की सेना हारने लगती है।

रानी पद्मिनी / पद्मावती की मृत्यु कैसे हुई Death of Rani Padmavati / Padmini

सेना हो हराते देख रानी पद्मावती / पद्मिनी ‘जौहर’ (आत्मदाह / अत्महत्या) कर लेती हैं। 26 अगस्त, 1303 को पद्मावती / पद्मिनी अपने पतिव्रता होने का प्रमाण देते हुए आग में कुद कर अपनी जान दे देती है।

2017 रानी पद्मावती पर आधारित फिल्म Rani Padmavati Movie Details Hindi

2017 रानी पद्मावती फिल्म किरदार Rani Padmavati Movie Cast

निर्देशक Directed by

संजय लीला भंसली Sanjay Leela Bhansali

द्वारा निर्मित Produced by

  • Viacom 18 Motion Pictures
  • Bhansali Productions

लेखक Written by

  • संजय लीला भंसाली Sanjay Leela Bhansali
  • प्रकाश कपाडिया Prakash Kapadia

स्क्रीन प्ले Screenplay by

संजय लीला भंसाली Sanjay Leela Bhansali

अभिनेता  Starring

  • दीपिका पदुकोन  Deepika Padukone
  • शाहीद कपूर Shahid Kapoor
  • रणवीर सिंह Ranveer Singhसंगीत Music bySongs:
  • संजय लीला भंसाली Sanjay Leela Bhansali

छायांकन Cinematography

सुदीप चत्तेर्जी Sudeep Chatterjee

द्वारा संपादित Edited by

  • जयंत जधर Jayant Jadhar
  • संजय लीला भंसाली Sanjay Leela Bhansali
  • अकिव अली Akiv Ali

प्रोडक्शंस कंपनी  Production company

भंसाली प्रोडक्शंस Bhansali Productions

द्वारा वितरित Distributed by

Viacom 18 Motion Pictures

रिलीज़ होने की तारीख Release date

  • 17 नवम्बर 2017

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