आज हम आपको ज्ञानवर्धक कहानी – राजा और मुर्ख बंदर King and Foolish Monkey बताएँगे. Panchatantra Moral Story in Hindi
नमस्कार मित्रों आज हम आपके लिए एक छोटी से ज्ञानवर्धक कहानी लेकर आये हैं जो उन लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक होगा जो अपने जीवन में गलत संगती में रहते हैं
राजा और मुर्ख बंदर King and Foolish Monkey – Panchatantra Moral Story in Hindi
कहानी शीर्षक – राजा और मुर्ख बंदर
एक बार एक राजा था। उसके पास एक बंदर था जो उसका सबसे अच्छा मित्र था। राजा का मित्र होने पर भी वह बंदर बहुत ही मुर्ख था। राजा का प्रिय होने के कारन उसे महल के हर जगह जाने की अनुमति थी बिना कोई रोक टोक। उसे शाही तरीके से महल में इज्ज़त दी जाती थी और यहाँ तक की वह राजा के कमरे में भी आराम से आ जा सकता था जहाँ राजा के गोपनीय सेवकों को भी जाना मना था।
एक दिन दोपहर का समय था। राजा अपने कमरे में आराम कर रहे था और बंदर भी उसी समय पास के गद्दे में बैठ कर आराम कर रहा था। उसी समय बंदर ने देखा की एक मक्खी आकर राजा के नाक में बैठा। बंदर में एक तौलिया से उस मक्खी को भगा दिया। कुछ समय बाद वह मक्खी दोबारा से आ कर राजा के नाक पर आ कर बैठ गयी। बंदर नै दोबारा उसे अपने हांथों से भगा दिया।
थोड़ी देर बाद बंदर नें फिर से देखा वही मक्खी फिर से आकर राजा के नाक पर बैठ गयी है। अब की बार बंदर क्रोधित हो गया और उसने मन बना लिया की इस मक्खी को मार डालना ही इस परेशानी का हल है।
उसने उसी समय राजा के सर के पास रखे हुए तलवार को पकड़ा और सीधे उस मक्खी की और मारा। मक्खी तो नहीं मरा परन्तु राजा की नाक कट गयी और राजा बहुत घायल हो गया।
कहानी से शिक्षा
मुर्ख दोस्तों से सावधान रहें। वे आपके दुश्मन से भी ज्यादा आपका नुक्सान कर सकते हैं।